Saturday, 30 January 2021

Jupiter in First House Lal Kitab|बृहस्पति पहले भाव में|Lal Kitab Remedies-Guru/Brihaspati 1st House

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Astrologer Vikas Malhotra

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Thursday, 5 September 2019

कपूर के चमत्कारी उपाय/टोटके|लाल किताब और कपूर के उपाय|कपूर के फायदे|Lal Kitab Remedies using Camphor 68,209 views

इस वीडियो में मैं आपसे कपूर के कुछ लाल किताब उपाय शेयर कर रहा हूँ. For specific consultation you can book appointment and lalkitabastro.com or lalkitabastrocentre.com. कृपया इस वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें.
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गणेश चतुर्थी पर करें यह विशेष उपाय|गणपति जी होंगे प्रसन्न,दूर होंगे सभी दुख-दर्द|गणपति बप्पा मोरिया

गणेश जी विघ्नहर्ता हैं। कहा जाता है कि जिस पर गणेश जी की कृपा हो जाए उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। साथ ही भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। इस वीडियो में मैं आपसे गणेश चतुर्थी पूजा विधि मुहूर्त और विशेष उपाय शेयर कर रहा हूँ. For specific consultation you can book appointment and lalkitabastro.com or lalkitabastrocentre.com. कृपया इस वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें.

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Sunday, 12 May 2019

LAL KITAB REMEDIES FOR JOB & PROMOTION (in English)

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Wednesday, 27 March 2019

लाल किताब के उपाय करने से पहले जान लें नियम वरना नहीं मिलेगा फल।Lal Kitab Astrologer Vikas Malhotra

लाल किताब में मनुष्य की हर प्रकार की समस्या का निदान दिया गया है किंतु इन्हें कैसे किया जाना है यह बात भी महत्वपूर्ण है। किसी भी उपाय का पूर्ण फल पाने हेतु आवश्यक है कि उसे पूरी श्रद्धा से किया जाए। पूरे मन से किया गया उपाय कभी निष्फल नहीं होता अर्थात् वह आपके लिए कल्याणकारी सिद्ध होता है।

इस वीडियो में मैं आपके साथ लाल किताब के कुछ नियम शेयर कर रहा हूँ. इन नियम से आप लाल किताब उपाय का पूरा फल ले सकते हैं.

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Friday, 8 February 2019

Basant Panchami 2019: 9 या 10 फरवरी, जानें- किस दिन मनाया जाएगा बसंत पंचमी का त्योहार


इस बार बसंत पंचमी की तिथि को लेकर काफी उलझन बनी हुई है. आइए जानते हैं बसंत पंचमी का त्योहार किस दिन मनाया जााएगा.
बसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस दिन से सर्दी के महीने का अंत हो जाता है और ऋतुराज वसंत का आगमन होता है. इस बार बसंत पंचमी की तिथि को लेकर लोगों के बीच काफी उलझन बनी हुई है. बता दें,
इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 2 दिन मनाया जाएगा. देश के कुछ हिस्सों में यह त्योहार 9 फरवरी के दिन मनाया जाएगा तो कुछ जगहों पर 10 फरवरी के दिन.
9 फरवरी को इन जगहों पर मनाया जाएगा बसंत पंचमी का त्योहार-
बसंत पंचमी का त्योहार 9 फरवरी शनिवार के दिन दिल्ली, पंजाब, जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, पश्चिमी महाराष्ट्र और कर्नाटक में मनाया जाएगा.
10 फरवरी शनिवार को कहां मनेगी बसंत पंचमी?
10 फरवरी के दिन बसंत पंचमी का त्योहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पूर्वी महाराष्ट्र में मनाया जाएगा.
बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष दिन माना जाता है. मां सरस्वती ही बुद्धि और विद्या की देवी हैं. बसंत पंचमी को हिंदू मान्यताओं के अनुसार एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है.
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
सरस्वती पूजा मुहूर्त: सुबह 7.15 से 12.52 बजे तक.
पंचमी तिथि का आरंभ: 9 फरवरी 2019 को 12.25 बजे से प्रारंभ होगा.
पंचमी तिथि समाप्त: 10 फरवरी 2019, रविवार को 14.08 बजे होगी.
यूं तो बसंत पंचमी के दिन किसी भी समय मां सरस्वती की पूजा की जा सकती है. लेकिन पूर्वान्ह का समय पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है. सभी शिक्षा केंद्रों, विद्यालयों में पूर्वान्ह के समय ही सरस्वती पूजा कर माता सरस्वती का आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है.
बसंत पंचमी का सामाजिक महत्व-
भारतीय पंचांग में 6 ऋतुएं होती हैं. इनमें से बसंत को 'ऋतुओं का राजा' कहा जाता है. बसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है. ऋतुराज बसंत का बहुत महत्व है. ठंड के बाद प्रकृति की छटा देखते ही बनती है. इस मौसम में खेतों में सरसों की फसल पीले फूलों के साथ, आमों के पेड़ों पर आए फूल, चारों तरफ हरियाली और गुलाबी ठंड मौसम को और भी खुशनुमा बना देती है.
यदि सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो यह मौसम बहुत अच्छा होता है. इंसानों के साथ पशु-पक्षियों में नई चेतना का संचार होता है. यदि हिंदू मान्यताओं के मुताबिक देखा जाए तो इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. यही कारण है कि यह त्योहार हिन्दुओं के लिए बहुत खास है. इस त्योहार पर पवित्र नदियों में लोग स्नान आदि करते हैं. इसके साथ ही बसंत मेले आदि का भी आयोजन किया जाता है.
बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व-
सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्माजी ने मनुष्य और जीव-जंतु की रचना की है. इसी बीच उन्हें महसूस हुआ कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है. इस पर ब्रह्माजी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे 4 हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई, जिसके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में वरमुद्रा तथा अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी.
ब्रह्माजी ने वीणावादन का अनुरोध किया. इस पर देवी ने वीणा का मधुर नाद किया जिस पर संसार के समस्त जीव-जंतुओं में वाणी व जलधारा कोलाहल करने लगी, हवा सरसराहट करने लगी. तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी 'सरस्वती' का नाम दिया. मां सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादिनी और वाग्देवी आदि कई नामों से भी जाना जाता है. ब्रह्माजी ने माता सरस्वती की उत्पत्ति वसंत पंचमी के दिन की थी. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्मदिन मानकर पूजा-अर्चना की जाती है.
ऐसे पूजा कर मां सरस्वती को करें प्रसन्न
सुबह नहाकर मां सरस्वती को पीले फूल अर्पित करें।
पूजा के समय मां सरस्वती की वंदना करें।
पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें, और बच्चों को पूजा में शामिल करें।
इस दिन पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, पूजा के वक्त या फिर पूरे दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
बच्चों को पुस्तकें तोहफे में दें।
पीले चावल या पीले रंग का भोजन करें।
HAPPY BASANT PANCHAMI
मां सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्यौहार,
जीवन में लायेगा ख़ुशी अपार,
सरस्वती विराजे आपके दवार,
शुभ कामना हमारी करे स्वीकार |
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Acharya Vikas Malhotra
LAL KITAB ASTRO CENTRE (LKAC)
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