Saturday 13 January 2018

राशि के अनुसार मकर संक्रांति पर करें दान, बन रहे हैं शुभ संयोग

मकर संक्रांति?
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. एक जगह से दूसरी जगह जाने अथवा एक-दूसरे का मिलना ही संक्रांति होती है. हालांकि कुल 12 सूर्य संक्रांति हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति प्रमुख हैं.
साल 2018 में मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा
क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?
सूर्यदेव जब धनु राशि से मकर पर पहुंचते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. यही नहीं कई जगहों पर तो मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खिचड़ी दान करने का भी विधान है. मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद भी बांटा जाता है. कई जगहों पर पतंगें उड़ाने की भी परंपरा है.
मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है, जो सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है, तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है. पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है, वहीं असम में बिहू के रूप में इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है.
इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।
इस साल मकर संक्रांति के साथ कई शुभ संयोग बने हैं। सबसे पहले तो रविवार के दिन मकर संक्रांति का होना ही अच्छा संयोग है क्योंकि रविवार के स्वामी ग्रह सूर्यदेव हैं। अपने दिन में ही सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है जिसे सभी सिद्धियों को पूर्ण करने में सक्षम माना गया है। तीसरा इस दिन प्रदोष व्रत भी है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इसदिन ध्रुव योग भी बना हुआ है। ऐसे में इस मकर संक्रांति पर किया गया दान-पुण्य और पूजन का अन्य दिनों की अपेक्षा हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होगा और ग्रह दोषों के प्रभाव से भी आप राहत महसूस कर सकते हैं:-
1.मकर संक्रांति के दिन, मेष राशि के लोग तिल के साथ-साथ मच्छरदानी का भी दान करें। ऐसा करने से शीघ्र ही उनकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
2.ज्योतिष के अनुसार, वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है इसलिए मकर संक्रांति के दिन ऊनी वस्त्र और तिल का दान करना आपके लिए शुभ रहेगा
3.मिथुन राशि का स्वामी बुध है। इस राशि के लोग भी तिल और मच्छरदानी का दान करें तो बहुत लाभ होगा।
4.मकर संक्रांति के दिन कर्क राशि के लोग तिल, साबूदाना और ऊन का दान करना शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा।
5.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सिंह राशि वालों को अपनी क्षमता के अनुसार तिल और कंबल का दान करना बेहतर होगा।
6.कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। मकर संक्रांति के दिन इस राशि के लोग कंबल के अलावा तेल और उड़द दाल का दान जरूर करें।
7.मकर संक्रांति के दिन, तुला राशि के लोग तेल, रुई, वस्त्र, तिल और राई का दान करें। इससे आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होगी।
8.मकर संक्रांति के दिन वृश्चिक राशि के लोग गरीबों को चावल और दाल की कच्ची खिचड़ी और अपनी क्षमता अनुसार कंबल दान करना चाहिए।
9.धनु राशि का स्वामी गुरु है। इस राशि के लोग मकर संक्रांति के दिन तिल व चने की दाल का दान करें।
10.मकर राशि के लोग मकर संक्रांति के दिन तेल, तिल, कंबल और पुस्तक, गरीबों को खाना, चावल का दान करें तो इनकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
11.ज्योतिष के अनुसार, कुंभ राशि वालों के लिए तिल, साबुन, वस्त्र और अन्न का दान करना बेहतर होगा। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
12.मकर संक्रांति के दिन, मीन राशि वाले तिल, चना, साबूदाना और कंबल का दान करें। इससे आपकी हर समस्या का समाधान हो जाएगा।
मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है खिचड़ी?
- संक्रांति पर चावल, दाल, हल्दी, नमक और सब्जियों की खिचड़ी बनती है
- चावल चन्द्रमा का प्रतीक है
- काली उरद की दाल शनि का प्रतीक है
- हल्दी बृहस्पति और नमक सूर्य का प्रतीक है
- हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं
- खिचड़ी की गरमी मंगल और सूर्य से जुड़ी है
- घी शुक्र का प्रतीक है
- इस प्रकार खिचड़ी खाने से सारे ग्रह मजबूत होते हैं
- मकर संक्रांति पर नए अन्न की खिचड़ी खाने से पूरे साल आरोग्य मिलता है
- इस अनोखे भोजन से शरीर नए मौसम के लिए तैयार होता है
- खिचड़ी ताज़ी ही खानी चाहिए और इसके साथ घी ज़रूर खाना चाहिए
मंत्र
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद भगवान सूर्यदेव का स्मरण करना चाहिए. गायत्री मंत्र के अलावा इन मंत्रों से भी पूजा की जा सकती है:
1- ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:
2- ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम:
शुभ मुहूर्त
साल 2018 में मकर संक्रांति 14 जनवरी 2018, रविवार के दिन मनाई जाएगी.
पुण्य काल मुहूर्त- 14:00 बजे से सुबह 17:41 तक
मुहूर्त की अवधि- 3 घंटा 41 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त- 14:00 बजे से 14:24 तक
मुहूर्त की अवधि- 23 मिनट
शुभ मकर संक्रांति
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Acharya Vikas Kumar Malhotra
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