18 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. इसी के साथ 18 मार्च को ही हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत हो रही है. कई जगह इसे गुड़ीपड़वा के नाम से भी जाना जाता है. इस तिथि को काफी पवित्र माना जाता है. कहते हैं युगों में प्रथम सत्ययुग की शुरुआत इसी तिथि से ही हुई थी.
क्यों मनाया जाता है हिंदू नववर्ष
चैत्र का महीना भारतीय कैलंडर के हिसाब से साल का पहला महीना होता है. पौराणिक मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही आदिशक्ति प्रकट हुईं थी. आदिशक्ति के कहने पर ही ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना करनी शुरू की थी. यही कारण है कि चैत्र शुक्ल के पहले दिन को हिंदू नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है.
इस दिन हुई पंचाग की रचना
कहा जाता है कि इसी दिन से महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन, महीने और साल की गणना कर पंचांग की रचना की थी. यही कारण है कि हिंदू पंचांग की शुरुआत भी गुड़ी पड़वा से ही होती है.
हिंदू नववर्ष के दिन ऐसे करें पूजा
सबसे पहले एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल कमल बना कर उस पर ब्रह्माजी की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद 'ॐ ब्रह्मणे नमः' मंत्र का जाप कर ब्रह्मा का आहवान करें. इस दिन पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद ही स्वंय भोजन करना चाहिए. इस दिन नए वस्त्र धारण कर घर को बंधनवार जैसी चीजों के साथ सजाना चाहिए. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर विधि विधान के साथ पूजा करने से सुख समृद्दि की प्रप्ति होती है.
हिंदू धर्म में नवरात्र एक प्रमुख त्योहार है। इस दौरान 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। इस साल चैत्र नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र 18 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक रहेंगे।
Mantra for Navratri
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्रंबके गौरी, नारायणी नमोस्तुते ।।
Maa Durga aapko
Bal, buddhi, sukh, aishwarya aur sampannta pradaan karen!
Jai mata di!
Navratri ki hardik shubhkamnayen!
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Acharya Vikas Kumar Malhotra
Lal Kitab Astro Centre (LKAC)
lalkitabastro.com
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