Saturday 22 September 2018

अनंत चतुर्दशी 2018: इस दिन रखा जाता है अनंत व्रत, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी 2018: इस दिन रखा जाता है अनंत व्रत, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
23rd September 2018

हर साल भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है.
इस साल अनंत चतुर्दशी 23 सितंबर 2018 को है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. वहीं अनंत चतुर्दशी को अनंत व्रत करने का भी महत्व होता है. इस चतुर्दशी को भगवान अनंत यानि भगवान विष्णु का व्रत और पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पुरुष और महिला दोनों ही इस व्रत को कर सकते हैं. महिलाएं इस दिन सौभाग्य की रक्षा और सुख के लिए इस व्रत को करती हैं तो पुरुष ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए यह व्रत करते हैं.

अनंत चतुर्दशी की कथा
महाभारत की एक कथा के अनुसार जब कौरवों ने छल से जुए में पांडवों को हरा दिया था। इसके बाद पांडवों को अपना राजपाट त्याग कर वनवास जाना पड़ा।वहां उन्होंने बहुत कष्ट उठाए। एेसे में जब एक दिन भगवान श्री कृष्ण पांडवों से मिलने वन आये तो युधिष्ठिर ने उनसे पूछा कि इस पीड़ा से निकलने का और दोबारा राजपाट प्राप्त करने का क्या उपाय है। तब श्री कृष्ण ने कहा कि आप सभी भाई पत्नी समेत भाद्र शुक्ल चतुर्दशी का व्रत रखें और अनंत भगवान की पूजा करें। इस पर युधिष्ठिर ने अनंत भगवान के बारे में जिज्ञासा प्रकट की तो कृष्ण जी ने कहा कि वह भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। इनके आदि आैर अंत का पता नहीं है इसीलिए ये अनंत कहलाते हैं। इनके पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे। तब युधिष्ठिर ने परिवार सहित यह व्रत किया और उन्हें पुन: हस्तिनापुर का राज-पाट प्राप्त हुआ।

पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी पर सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें और भगवान विष्णु की तस्वीर सामने रखें. पूजा स्थल पर सूत में कुमकुम, केसर और हल्दी लगाकर 14 गांठ के अनंत सूत्र को तैयार करें और इसे भगवान विष्णु को चढ़ाएं. पूजा में रोली, मौली, धूप, दीप, नेवेद्य, चंदन, पुष्प, ऋतु फल, पंचामृत अर्पण करने का भी विधान है. इसके बाद भगवान का जप करें या हवन करें. इनको समर्पित करते समय ॐ अनंताय नमः मंत्र का निरंतर जाप करें । भगवान विष्णु की प्रार्थना करके उनकी कथा का श्रवण करें।

पूजा के बाद अनंत सूत्र को पुरुष दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ पर बांध लें. आखिर में ब्राह्मण को भोजन कराएं और प्रसाद ग्रहण करें.

इस दिन अनंत व्रत कथा, सत्यनारायण भगवान का पाठ भी किया जाता है और कथा भी सुनी जाती है. वहीं इस दिन 14 गांठें बनाकर जो धागा अपने बाजू पर धारण किया जाता है, इनमें 14 गांठें हरि के जरिए उत्पन्न 14 लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना के प्रतीक हैं. मान्यताओं के मुताबिक अगर 14 सालों तक यह व्रत किया जाए तो विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त 23 सितंबर सुबह 06:09 बजे से 24 सितंबर सुबह 07:19 बजे तक है.

गणेश विसर्जन
धूमधाम से शुरू हुआ गणेश चतुर्थी का त्योहार 23 सितंबर 2018 को अनंत चतुर्दशी के मौके पर बप्पा की विदाई के साथ संपन्न होगा. 10 दिनों तक चलने वाला ये पर्व गणपति विसर्जन पर खत्म होता है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन को अनंत चतुर्दशी या अनंत चौदस के रूप में मनाया जाता है.

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
13 सितंबर से शुरू हुए गणेशोत्सव में लोग 3, 5, 7 दिन के लिए बप्पा की स्थापना करते करते हैं और चतुर्दशी के दिन सभी गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन सुबह 8 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक, दोपहर 2 बजे से साढ़े तीन बजे तक किया जाएगा. इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत उत्तम माना जाता है.

आशा करते हैं कि गणपति बाप्पा इस अनंत चतुर्दशी
घर जाने पर हमारी सभी परेशानियों के साथ ले जाएँ

कृपया इस पोस्ट को पसंद करें और दूसरों के साथ भी साझा करें।
आचार्य विकास मल्होत्रा
लाल किताब एस्ट्रो सेंटर (LKAC)
Lalkitabastro.com और lalkitabastrocentre.com पर जाकर फोन या व्यक्तिगत परामर्श बुक करें

No comments:

Post a Comment